जीवन रेखा और इसका प्रभाव अपने जीवन पर
जीवन रेखा और इसका प्रभाव अपने जीवन पर
परिभाषा : वह रेखा जो आक्रामक मंगल और शुक्र पर्वत को अर्ध-गोलाकार रूप में घेरती है, वह रेखा जीवन रेखा कहलाती है |
गुण; जीवन शक्ति, आयु, स्वास्थय, जीवन में आने वाले बड़े उतार-चढ़ाव, बीमारियां, प्रतिरोधक क्षमता,हमारा जीवन स्तर |
*अब हम जीवन रेखा के उद्गम स्थान के द्वारा इसके अनुप्रयोगों को जानेगे
यदि जीवन रेखा का प्रारंभ गुरु क्षेत्र से होता है तो व्यक्ति में उच्च महत्वकाक्षा वाला और नेतृत्व करने की क्षमता वाला होता है |
अगर जीवन रेखा का प्रारंभ आक्रामक मंगल से हो तो व्यक्ति का स्वाभाव काफी क्रोधी होता है साथ ही साथ व्यक्ति जीवन में हर क्षेत्र में कोई न कोई कमी निकलता रहता है |
यदि जीवन रेखा का प्रारंभ मस्तिष्क रेखा(उपरोक्त चित्र में हरी रंग में है) से हो तो व्यक्ति काफी जयदा सावधान रहने वाला होता है, और ऐसे व्यक्ति अनुसरण करने में काफी अच्छे होते है |
यदि जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा दोनों आपस में गूठी हुई सी हो तो उस जातक का जिस आयु तक ये दोनों रेखा एक दूजे से मिली होती है तब तक परिवार के सदस्यों को काफी प्रभाव होता है|
यदि जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा दोनों प्रारम्भ में एक दूसरे से दुरी बना कर प्रारम्भ हो तो व्यक्ति स्वतंत्रता पसंद होता है, वो चाहता है की वो कुछ समाज में ऐसा अलग करे जिस से लोग उसे जाने और लोग उसकी सोच का सम्मान करे |
अगर जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा आपस में एक ही जगह से प्रारम्भ हो तो ये काफी अशुभ लक्षण होता है | खासकर हम ये कह सकते है की व्यक्ति का प्रारम्भिक जीवन काफी संघर्षपूर्ण होगा| वी डियो
जीवन रेखा की अन्य स्थतियाँ |
जीवन रेखा छोटी होती है तो व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता जयदा नहीं होती है, इस कारन से व्यक्ति की जीवन शक्ति की कमी होगी | कई केवल छोटी जीवन रेखा के आधार पर आयु निर्धरित कर देते है जो की सरासर गलत है |
यदि जीवन रेखा किसी स्थान से टूटी होती है तो उस स्थान पर आयु विशेष में लोगो के दुर्घटना होने के योग होते है | इसके अलावा जातक बीमार हो सकता है किसी गंभीर बीमारी से |

यदि इस जीवन रेखा में जहाँ पर ये टूटी होती है उस जगह पर अगर वर्ग बन जाता है तो व्यक्ति का उस समय में जीवन रक्षा हो जाएगी |
यदि जिस जगह पर ये रेखा टूटी है उस जगह पर पहले से एक सहायक रेखा चालू हो जाती हो तो यह भी व्यक्ति का उस समय विशेष में बचाव करती है या फिर ऐसा हो सकता है की व्यक्ति का उस समय में स्थान परिवर्तन हो |
ऊपर दिए चित्र में ह्रदय रेखा, जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा तीनो ही काफी छोटी है इस कारन हम ये कह सकते है की व्यक्ति अल्पायु हो सकता है |
यदि जीवन रेखा जंजीरकर हो तो व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता काफी काम होती है | ऐसे व्यक्ति जीवन में हर समय किसी न किसी रोग से पीड़ित होते है |
यदि जीवन रेखा पतली और धुंधली हो तो जातक का स्वास्थ्य जीवन भर खराब ही रहता है | वीडियो
अगर जीवन रेखा सीढ़ी नुमा हो तो जातक के जीवन में काफी संघर्ष होता है इसके साथ ही उसको जीवन में कई तरह की बिमारियों और संकटो का सामना करना पड़ता है |
लहरदार जीवन रेखा भी अच्छे जीवन की और संकेत नहीं करती है |
यदि व्यक्ति के जीवन रेखा के अंत में गोपुछ जैसे रेखा हो तो जीवन भर और विशेषतः अंतिम जीवन में अवनति, घटा , दुर्घटना आदि होती रहेगी |
यदि जीवन रेखा से कोई रेखा नीचे की और जाती हो तो उस समय में व्यक्ति को घटा होता है |
अगर जीवन रेखा से कोइ रेखा ऊपर की और जाए तो उस समय पर व्यक्ति की उन्नति होती है |
जीवन रेखा पर नक्षत्र का चिन्ह अशुभ होता है ये चिन्ह यह पर शल्य चिकित्सा होने का योग बनता है |
अगर कोई रेखा शुक्र पर्वत से आकर के जीवन रेखा को काटे तो यह जातक के नजदीक के लोगो जैसे उसके रिश्तेदारों से उस आयु विशेष में हानि के योग बनता है |
यदि कोई रेखा आक्रामक मंगल से आकर जीवन रेखा को काटे तो व्यक्ति को अपने दुश्मनो से हानि होती है |
जीवन रेखा के प्रारम्भ में अगर रेखाएं हो तो जातक के जीवन में अस्थिरता बनी रहती है | जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते है |
आक्रामक मंगल के क्षेत्र से कई रेखाएं आकर जीवन रेखा को कटे तो जातक को अत्यधिक मानसिक तनाव तथा सर दर्द होगा | अगर रेखाओ की संख्या जयदा हो तो माइग्रेन और हाई बी.पी. की भी शिकायत होती है | दूसरी तरफ ये रेखाएं केवल छोटी हो तो ये पाचन संबंधी समस्याए दर्शाती है | 

जीवन रेखा पर त्रिकोण का चिन्ह या त्रिभुज का चिन्ह हो तो ये काफी शुभ चिन्ह होता है व्यक्ति के लिए इस समय में काफी उन्नति के मोके आते रहते है |
है |जीवन रेखा पर अगर वृत का चिन्ह हो तो व्यक्ति के उस आयु विशेष पर कोई पड़ा संकट आने की सम्भावना होती
जीवन रेखा पर क्रॉस या गुणन का चिन्ह आयु विशेष में दुर्घटना का योग बनता है |
जीवन रेखा के प्रारम्भ में अगर द्वीप का चिन्ह हो तो व्यक्ति का जनम रहस्यमयी परिस्थतियो में होता है |
जीवन रेखा में जिस भी स्थान पर द्वीप होंगे वो समय कष्ट से भरा हुआ होगा |
जीवन रेखा अगर दो भागो में विभाजित होती है , तो जातक की मृत्यु उसके पैतृक घर से काफी दूर जाकर होती है |
जीवन रेखा के अंत में क्रॉस या गुणन का चिन्ह हो तो अंतिम समय या मृत्यु काफी दुखद होगी |
जीवन रेखा के प्रारम्भ में क्रॉस तो जातक का जीवन दुखद हॉग और जातक में जीवन शक्ति का आभाव होगा
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